सप्तम भाव जीवन साथी का होता है और सूर्य, बुध और राहू पृथकताजनक ग्रह हैं इन तीनों में से दो ग्रह यदि सप्तम में हों तो तलाक की संभावना रहती है I अगर सूर्य सप्तम भाव में नीच का या शत्रु राशि का हो तो भी दाम्पत्य जीवन में अलगाव बना रहता है
स्त्री की कुंडली में गुरु और पुरुष की कुंडली में शुक्र पत्नी और पति के कारक होते हैं स्त्री की कुंडली में गुरु यदि ६, ८, १२ भावों में हो तो पति का सुख उतना नहीं मिलता जितनी अपेक्षा की जाती है ऐसी स्थिति में गुरु पर जितना अधिक पापी ग्रहों का प्रभाव होगा उतना ही पति को नुक्सान होगा
पुरुष की कुंडली में शुक्र यदि ३, ६, ८, १० इन स्थानों में हो तो भी उपरोक्त फल समझना चाहिए