shani in third house in your kundli

तीसरे भाव में शनि

तीसरा भाव पराक्रम का है, व्यक्ति के साहस और हिम्मत का है, जहां भी व्यक्ति रहता है, उसके पडौसियों का है। इन सबके कारणों के अन्दर तीसरे भाव से शनि पंचम भाव को भी देखता है, जिनमे शिक्षा,संतान और तुरत आने वाले धनो को भी जाना जाता है, मित्रों की सहभागिता और भाभी का भाव भी पांचवा भाव माना जाता है, पिता की मृत्यु का और दादा के बडे भाई का भाव भी पांचवा है। इसके अलावा नवें भाव को भी तीसराशनि आहत करता है, जिसमे धर्म, सामाजिक व्यव्हारिकता, पुराने रीति रिवाज और पारिवारिक चलन आदि का ज्ञान भी मिलता है, को तीसरा शनि आहत करता है। मकान और आराम करने वाले स्थानो के प्रति यह शनि अपनी अन्धेरे वाली नीति को प्रतिपादित करता है।ननिहाल खानदान को यह शनि प्रताडित करता है।

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