दूसरा भाव कालपुरुष का मुख कहा गया है,मुख से जातक कलात्मक बात करता है,अपनी आंखों से वह कलात्मक अभिव्यक्ति करने के अन्दर माहिर होता है,अपने चेहरे को सजा कर रखना उसकी नीयत होती है,सुन्दर भोजन और पेय पदार्थों की तरफ़ उसका रुझान होता है,अपनी वाकपटुता के कारण वह समाज और जान पहिचान वाले क्षेत्र में प्रिय होता है,संसारिक वस्तुओं और व्यक्तियों के प्रति अपनी समझने की कला से पूर्ण होने के कारण वह विद्वान भी माना जाता है,अपनी जानपहिचान का फ़ायदा लेने के कारण वह साहसी भी होता है,लेकिन अकेला फ़ंसने के समय वह अपने को नि:सहाय भी पाता है,खाने पीने में साफ़सफ़ाई रखने के कारण वह अधिक उम्र का भी होता है।