गोमेद गारनेट रत्न समूह का रत्न है जिसे अंग्रेजी में हैसोनाइट कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र में इसे राहू का रत्न माना जाता है। यह लाल रंग लिए हुए पीला एकदम गोमूत्र के रंग जैसा होता है। यह भी एक प्रभावशाली रत्न है जो राहू के दोषों को दूर करता है।
- किसी व्यक्ति की राशि या लग्न मिथुन, तुला, कुंभ या वृष हो तो ऐसे लोगों को गोमेद अवश्य पहनना चाहिए।
- राहू कुंडली में यदि केंद्र में विराजमान हो अर्थात 1,4,7, 10 भाव में तो गोमेद अवश्य धारण करना चाहिए।
- अगर राहूं दूसरे, तीसरे, नौवे या ग्यारवें भाव में राहू हो तो भी गोमेद धारण करना बहुत लाभदायक होगा।
- राहू अगर अपनी राशि से छठे या आठवें भाव में स्थित हो तो गोमेद पहनना हितकर होता है।
- यदि राहू शुभ भावों का स्वामी हो और स्वयं छठें या आठवें भाव में स्थित हो तो गोमेद धारण करना लाभदायक होता है।
- राहू अगर अपनी नीच राशि अर्थात धनु में हो तो गोमेद पहनना चाहिए।
- राहू मकर राशि का स्वामी है। अत: मकर राशि वाले लोगों के लिए भी गोमेद धारण करना लाभ फलों को बढ़ाता है।
- राहू अगर शुभ भाव का स्वामी है और सूर्य के साथ युति बनाए या दृष्ट हो अथवा सिंह राशि में स्थित हो तो गोमेद धारण करना चाहिए।
- राहू राजनीति का मारकेश है। अत: जो राजनीति में सक्रीय हैं या सक्रीय होना चाहते हैं उनके लिए गोमेद धारण करना बहुत आवश्यक है।
- शुक्र, बुध के साथ अगर राहू की युति हो रही हो तो गोमेद पहनना चाहिए।
- गलत कामों जैसे चोरी, स्मगलिंगआदि कार्यों में लगे लोगों को गोमेद पहनना चाहिए।
- वकालत, न्याय और राज-काज से संबंधित कार्यों में बेहतर करने के लिए भी गोमेद पहनना चाहिए।
गोमेद को शनिवार को चांदी या अष्टधातु में जड़वाकर शाम के समय विधिनुसार उसकी उपासना के बाद बीच की अंगुली में धारण करना चाहिए। गोमेद का वजन 6 रत्ती से कम नहीं होना चाहिए। इसे पहनने से पहले ऊं रां राहवे नम: का मंत्र 180 बार जप करके गोमेद को जागृत करके पहनना चाहिए।