कार्तिक माह में है पूजा

हर वर्ष हिंदी महीनों के अनुसार कार्तिक मास में शुक्‍ल पक्ष के आठवें दिन यानि अष्‍टमी को गोपाष्‍टमी का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष 2017 में ये तिथि 28 अक्‍टूबर को पड़ रही है। इस दिन गौ माता की पूजा की जाती है। गोपाष्‍टमी और भगवान कृष्‍ण के बीच गहरा संबंध है। इसी लिए इस दिन के बारे में सभी कथायें भगवान कृष्‍ण की लीलाओं से जुड़ी हैं। कुछ के अनुसार द्वापर में बाल कृष्‍ण ने इसी दिन से अपनी गायों को चराने के लिए ले जाना प्रारंभ किया था। वहीं कुछ कहते हैं कि जब भगवान कृष्‍ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी तर्जनी पर उठा कर ब्रज वासियों को इंद्र के कोप से बचाया था तो सात दिन बाद गोपाष्‍टमही को ही इंद्र ने अपनी हार स्‍वीकार कर कृष्‍ण से क्षमा मांगी थी। 

 

पूजन विधि 

गोपाष्‍टमी के दिन गाय की बछड़े सहित पूजा की जाती है। इस दिन नहा धो कर गायों को स्नान कराकर उसके सींगो में मेहंदी, हल्दी, रंग के छापे लगाकर श्रंगार किया जाता है, उसके बाद तिलक फूल और भोग से उसकी पूजा की जाती है। इसके बाद उसकी आरती उतारी जाती है। गायों को गो-ग्रास दिया जाता है।

 

गोपाष्‍टमी का पूजन मुहूर्त

इस बार गोपाष्‍टमी की पूजा का मुहूर्त 27 अक्‍टूबर को प्रात काल 02:44, बजे प्रारंभ हो कर 28 अक्‍टूबर को सांय 04:51 तक रहेगा। इस अवधि के भीतर ही पूजा करना सही होगा। 

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