mulank aur bhagya in hindi astrology by ankurji

मूलांक 1: मूलांक 1 वाले लोग अधिकतर सहिष्णु, सहनशील एवं गंभीर होते हैं। इनके जीवन में निरंतर उत्थान-पतन होते रहते हैं। उनका जीवन संघर्षपूर्ण होता है। ऐसे लोगों में नेतृत्व की भी भावना प्रबल होती है। ये जिस कार्य को अपने हाथ में लेते हैं, उसे अच्छी तरह निभाने एवं संपन्न करने का सामथ्र्य भी रखते हैं। नित नए लोगों से संपर्क स्थापित करना ऐसे लोगों के व्यक्तित्व की विशेषता होती है। इनका परिचय क्षेत्र विस्तृत होता है तथा ये नवीनता की खोज में लगे रहते हैं। शारीरिक रूप से ऐसे लोग हृष्टपुष्ट एवं स्वस्थ होते हैं। इस अंक से संबधित लोग यदि नौकरी पेशा हों तो उच्च पद प्राप्त करने के प्रति चेष्टारत रहते हैं। अगर ये व्यापारी हों तो दिन-रात परिश्रम कर व्यापारी वर्ग में प्रमुख स्थान बना सकते हैं। ये निर्णय लेने में बहुत ही चतुर होते हैं। ये हमेशा समाज और जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में परिवर्तन लाने के प्रयास में रहते हैं। ये घिसी-पिटी लीक पर चलने के अभ्यस्त नहीं होते। ये अपने कार्य और अपनी धुन में ही मस्त रहते हैं। कार्य के बीच में टोका-टाकी उन्हें पसंद नहीं होती है। इनके विचार मौलिक होते हैं और कल्पनाशक्ति प्रबल होती है। विशेष: इनके लिए शुभ रत्न माणिक्य है और सूर्य इनके प्रधान देवता हैं।
 मूलांक: मूलांक 2 से संबंधित लोग अत्यंत कल्पनाशील, भावुक, सहृदय और सरलचित्त होते हैं। ये न तो अधिक समय तक एक ही कार्य पर स्थिर रह सकते हैं और न ही लंबे समय तक सोच सकते हैं। इनके मन में नित नए नए विचार आते रहते हैं जिन्हें साकार देने के लिए ये सतत प्रयासरत रहते हैं। शारीरिक रूप से ऐसे लोग बलवान नहीं होते। ये मूलतः बुद्धिजीवी होते हैं। ये मस्तिष्क के स्तर अधिक सबल एवं स्वस्थ होते हैं, किंतु आत्मविश्वास की उनमें कमी रहती है, फलस्वरूप ये तुरंत कोई निर्णय नहीं ले पाते। सौंदर्य के प्रति इनकी रुचि परिष्कृत होती है। प्रेम और सौंदर्य के क्षेत्र में ये महारथी कहे जा सकते हैं। दूसरों को सम्मोहित करने की कला में ये प्रवीण होते हैं। अपरिचित से अपरिचित व्यक्ति को परिचित बना लेना इनके बाएं हाथ का खेल होता है। स्वभाव से शंकालु होते हुए भी ये दूसरों के हित का पूरा ख्याल रखते हैं। किसी को सीधे ना कहना इनके स्वभाव में नहीं होता। दूसरों के मन की बात जान लेने में ये प्रवीण होते हैं। ललित कलाओं में इनकी रुचि जन्मजात होती है। विशेष: इनके लिए मोती शुभ है और चंद्र इनके देवता हैं।

मूलांक 3: यह साहस, शक्ति एवं दृढता का अंक है। यह अंक श्रम तथा संघर्ष का परिचायक है। इस अंक से प्रभावित लोगों को पग-पग पर संघर्ष करना पड़ता है। स्वार्थ भावना इनमें कुछ विशेष ही पाई जाती है। काम पड़ने पर ये विरोधी से घुल-मिल जाते हैं और काम निकल जाने पर उसे दूर करने में भी देर नहीं लगाते। विचारों को व्यवस्थित रूप से अभिव्यक्त करने में ये कुशल होते हैं। किंतु धन संचय इनके लिए कठिन होता है। परिश्रम करके कमाने में ये दिन-रात लगे रहते हैं, पर जो कुछ कमाते हैं, व्यय हो जाता है। इस अंक के जातक बुद्धिमान, ईमानदार और उदार होते हैं, पर कोई ऊंचा पद या प्रमुख स्थान मिलने पर हो जाते हैं। मूलांक तीन के जातक अति महत्वाकांक्षी होते हैं। वे शीघ्रातिशीघ्र उन्नति के शिखर पर पहुंच जाना चाहते हंै। छोटा कद, छोटा कोष एवं छोटा कार्य इन्हें पसंद नहीं होता है। विशेष: इनके लिए पुखराज शुभ है और इनके देवता विष्णु हैं।
 मूलांक:४ यह मूलांक विशेषतः उथल-पुथल से संबंधित है। इस अंक से प्रभावित लोग जीवन में शांत बनकर बैठे रहें, यह संभव ही नहीं है। ये सतत क्रियाशील रहते हैं। इन्हें पग-पग पर भारी बाधाओं का सामना करना पड़ता है। इनकी भाग्योन्नति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। स्वभाव से ये बड़े क्रोधी एवं तुनकमिजाज होते हैं। इनकी इच्छा के प्रतिकूल कार्य होने पर ये आपे से बाहर हो जाते हैं, लेकिन जिस गति से क्रोध चढ़ता है, उसी गति से उतर भी जाता है। ऐसे लोग अपनी गुप्त बातों को मन में दबाकर रखते हैं। इनके मन में क्या योजना है या अगले क्षण ये क्या कदम उठाने जा रहे हैं, इसकी भनक तब तक किसी को नहीं होती, जब तक ये योजना को क्रियान्वित न कर लें। इस अंक से प्रभावित लोगों के जीवन में शत्रुओं की कमी नहीं रहती । ये एक शत्रु को परास्त करें तो दस नए शत्रु पैदा हो जाते हैं। यद्यपि इनकी पीठ पीछे शत्रु षड्यंत्र करते हैं, पर सामने कुछ भी नहीं कर पाते। विशेष: इनके लिए नीलम शुभ है और भैरव इनके आराध्य देव हैं।

मूलांक 5: मूलांक 5 के जातक नई से नई युक्तियों, नए से नए विचारों एवं सर्वथा नूतन तर्कों से अनुप्राणित रहते हैं। ये पूर्णतः क्रियाशील रहते हैं, झुकते नहीं, झुकाने में विश्वास रखते हैं। दूसरों को सम्मोहित करना ऐसे लोगों का सबसे बड़ा गुण है। कुछ ही क्षणों की बातचीत में ये दूसरों को अपना बना लेते हैं। यात्राएं इनके जीवन का विशेष अंग होती हैं, परंतु ये अपने कार्य में इतने व्यस्त रहते हैं कि चाह कर भी यात्रा के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। कार्य के प्रति एकाग्रता इनकी दूसरी विशेषता है। ये जो भी कार्य हाथ में लेते हैं, उसे किए बिना नहीं छोड़ते। ऐसे लोग अपने आपको स्थिति के अनुसार ढाल लेते हंै और विभिन्न स्रोंतों से धनोपार्जन करते हैं। विशेष: इनकी आराध्या लक्ष्मी हैं और हीरा इनके लिए शुभ है।

मूलांक 6: यह एक अत्यंत शुभ अंक है। इससे प्रभावित जातक दीर्घायु, स्वस्थ, बलवान, हंसमुख होते हैं। दूसरों को सम्मोहित करने का गुण जितना मूलांक 6 में होता है, उतना अन्य किसी भी मूलांक में नहीं होता। इस अंक से प्रभावित जातक रति क्रीड़ा में चतुर होते हैं। विपरीत लिंगी व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करने में ये दक्ष होते हैं। ये शीघ्र ही घुल-मिल जाने वाले होते हैं। ये कलाप्रेमी होते हैं और इनमें सौंदर्य के प्रति आकर्षण होता है। अव्यवस्था, गंदगी, फूहड़पन एवं असभ्यता से इन्हें चिढ़ होती है। इनमें सुरुचिपूर्ण एवं सलीकेदार कपड़े पहनने एवं बन-ठनकर रहने की प्रवृत्ति गहरी होती है। भौतिक सुखों में पूर्णतः आस्था रखते हुए ऐसे व्यक्ति जीवन का सही आनंद उठाते हैं। धन का अभाव रहते हुए भी ये मुक्तहस्त से व्यय करते हैं। जनता में शीघ्र ही लोकप्रिय हो जाते हैं तथा सांसारिक होते हुए भी हृदय से उदार एवं नीतिज्ञ होते हैं। विशेष: शुभ रत्न हीरा और शुभ वार बुध और शुक्र हैं।

मूलांक 7: मूलांक 7 सौहार्द्र, सहिष्णु, एवं सहयोगी भावना का प्रतीक है। इस अंक से प्रभावित लोगों में मूलतः तीन विशिष्ट गुण होते हैं- मौलिकता, स्वतंत्र विचार शक्ति एवं विशाल व्यक्तित्व। ऐसे लोग अपनी प्रतिभा के बल पर उच्च स्थान प्राप्त करते हंै। इन्हें मित्रों और सहयोगियों से भरपूर प्यार मिलता है और जीवन में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रहती है। साहसिक प्रकृति के होने के कारण कुछ ऐसा कर गुजरने को आतुर रहते हैं जो उसे प्रसिद्ध बना दे। विशेष: इनके लिए लहसुनिया शुभ है और नृसिंह इनके आराध्य हैं।
 मूलांक 8: अंक ज्योतिष में इस अंक को ‘विश्वास का अंक’ कहा गया है। इसका स्वामी शनि है। इस अंक से प्रभावित लोगों का व्यवहार सहयोगपूर्ण होता है। ये अपने मित्रों और सहयोगियों की यथा शक्ति सहायता करते रहते हैं। ये दूसरों की रक्षा ढाल बनकर करते रहते हैं और विशाल वट वृक्ष की तरह अपनी शीतल छाया से उन्हें सुख पहुंचाते रहते हैं, परंतु जब ये किसी पर क्रुद्ध होते हैं तब प्रचंड रूप धारण कर लेते हैं। इन्हें फूहड़पन पसंद नहीं होता। अश्लील या गंदा मजाक सहन नहीं करते। इनमें दिखावा न के बराबर होता है। सबल, सजग व्यक्तित्व वाले ये लोग टूटते नहीं हैं। ये अंदर से सेवाभावी होते हैं। दूसरे लोगों को हर संभव प्रसन्न रखना या उनकी सेवा करते रहना इनका स्वभाव होता है। विशेष: शुभ रत्न नीलम और आराध्य देवता शनि हैं। मूलांक 9:

मूलांक 9 के लोग साहसी होते हैं। इनका साहस कभी-कभी इतना अधिक बढ़ जाता है कि दुस्साहस का रूप धारण कर लेता है। कई बार अनर्थ करवा डालता है, परंतु इस प्रकार से ये न तो पदच्युत होते हैं और न ही भयभीत ये दृढ़ निश्चयी एवं वीर होते हैं। ये चुनौती भरे कार्यों को करके अपना नाम अमर कर जाते हैं। ये बाहर से कठोर, किंतु अंदर से कोमल होते हैं। अनुशासन को जीवन में सर्वोपरि मानते हैं और जो भी कार्य शुरू करते हैं, उसे पूरा करके ही छोड़ते हैं। इनका प्रधान ग्रह मंगल है, जो युद्ध का देवता है। इन्हें हारना पसंद नहीं होता। गृहस्थ जीवन में न्यूनाधिक रूप से विपरीतता बनी रहती है। ऐसे व्यक्ति यदि अपने आप पर पूर्ण नियंत्रण रखें तो निश्चय ही सफल एवं श्रेष्ठ हो सकते हंै। विशेष: शुभ रत्न मूंगा और आराध्य हनुमान जी हैं।

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